होली के कुछ रंग ऐसे भी
सब से पहले आप सभी को sahityatech.com की तरफ से हैप्पी होली (happy holi) |holi हमारे भारत में बनाया जाने वाला मुख्य त्यौहार में से है | holi त्यौहार का रंग पुरे भारत में तो चढ़ता ही है यहाँ तक की विदेशो तक में यह त्यौहार बहुत ही धूम धाम से और हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है |
होली त्यौहार रंग सब पर चढ़ा हुआ नजर आता है फिर वह अपना देश क्या और विदेश क्या सब पर इस त्यौहार का रंग चढ़ा नजर अत है | विदेशो में भी होली (holi) बहुत धूम धाम से मनाई जाती है | होली (holi) खुसियो का त्यौहार है | अपनी दुश्मनी भूलने का त्यौहार है | मेल भाव बढ़ाने का त्यौहार है |
इस holi (होली) त्यौहार की कहानी तो आप सभी को पता ही होगी नहीं पता है तो में बाटता हु आप को |
होली की कहनी (Story of Holi)
हिरन्याक्श्यप(Hiranyakashyap) नाम का एक राजा था, जो खुद को बहुत ही शक्तिशाली (powerful) समझता था, इसलिए वह देवताओं से घृणा (hate) करता था | उसे अपने राज्य में भगवान विष्णु का नाम सुनना भी पसंद नहीं था, लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद (Prahlad) भगवान विष्णु का परम भक्त था |
यह बात हिरन्याक्श्यप (Hiranyakashyap) को बिलकुल पसंद नहीं थी | वह कई तरह से अपने पुत्र को डराता था | ताकि वह भगवान विष्णु की पूजा न करे अर्थात भगवान विष्णु का नाम न ले, पर प्रह्लाद अपने पिताजी की एक न सुनता वह निरन्तर भगवान विष्णु की पूजा करता रहा |
इस से परेशान होकर हिरन्याक्श्यप ने एक योजना बनाई | उसने अपनी बहन होलिका को अग्नी की वेदी पर प्रहलाद को लेकर बैठने को कहा | होलिका को ऐसा वरदान प्राप्त था, कि आग पर उसे विजय प्राप्त है, उसे अग्नी जला नहीं सकती | होलिका आग में बैठ गयी प्रह्लाद को ले कर |
प्रह्लाद अपने भगवान की भक्ति में लीन हो गया | देखते-देखते प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ और होलिका जल गयी तब से ही यह होली का त्यौहार मनाया जाता है | और उस के अगले दिन रंग का त्यौहार |
होली के कुछ रंग ऐसे भी
होली (holi) के इस त्यौहार की एक विशेष बात है | इस में सभी एक दूसरे के घर जाते है | जौ देने और गले लगते है | यह होली (holi) का त्यौहार एक नाम से और जाना जाता है |
रंगो का त्यौहार रंग अलग-अलग रंग कोई लाल कोई पीला तो कोई गुलाबी और न जाने कितना ही रंग | यह त्यौहार रंगो का त्यौहार है, वैसे तो आज-कल हमारे देश होली के कुछ रंग ऐसे भी चढ़ा हुआ है |
धर्म-जाती का रंग, सियासी (Political) रंग, नफरतो का रंग और न जाने क्या क्या | इस होली की शुरुआत बहुत ही महीने पहले शुरू हो गयी थी | वैसे सोचने बलि बात है | इतने अच्छे-अच्छे रंग है, पर देश में ये सब रंग क्यों | आज कल हम सब में क्यों इतनी नफरतो को पक्का रंग चढ़ा हुआ है |
जो उतरने का नाम ही नहीं ले रहा | हम सब धर्म जाती को देखते देखते यह भूल गए है की सब से पहले हम एक इंसान है | क्यों हम पर यह सियासी पिचकारी चलायी जा रही है | क्यों धर्म के नाम पर तेजाब से भरे गुब्बारे मारे जा रहे है | क्यों गुस्से का गुलाल घरों में उड़ाया जा रहा है |
आखिर क्यों हम पर इस तरह की होली (holi) का जुनून चढ़ा होता है | holi (होली) में रंगो का बहुत महत्त्व है , पर हम किस के कहने पर और क्यों रंगो का चुनाव कर रहे है, की यह भगवा रंग है और यह सफ़ेद रंग |
आज क्यों हम देख रहे है | की दिल्ली में कौन सा रंग ज्यादा उड़ रहा ह, भगवा या सफ़ेद | किस रंग से हमें ज्यादा नुकसान है आखिर क्यों यह रंग |
इन रंगो में लिपट रहा इंसान है क्या फर्क पड़ता है |
रंग भगवा है या सफ़ेद है | क्या ही फर्क पड़ता है रंग भगवा है या सफ़ेद है ||
इस कलीयुग में होली पर बैठा वही सयासी शैतान है |
इस कलीयुग में होली पर बैठा वही सियासी शैतान है ||
holi मेल जोल का त्यौहार है आइये इस रंग को अपने मन से उतर दे, और दिखा दे आज भी इस कलयुग में होली पर सिर्फ सियासी शैतान ही जलेगा इंसान नही | आप भी अपने नफरतो को holi में जला दे | प्यार से सब के गले मिले | होली के कुछ रंग ऐसे भी रंग को छोड़ कर, रंग चढ़ाना है तो इश्क़ का रंग चढ़ा इंसान नफरतो से तो खुद ही जलते है |
आप सभी को और आप सभी का परिवार को sahityatech.com की तरफ से Happy Holi |
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