जंग कैसे है बदलाब का जरिया आप यही सोच रहो होंगे की साहित्य क्या कहा रहा है जंग कैसे बदलाब हो सकता पर इस में मै यह बतऊँगा की कैसे जंग एक मात्र जरिया है बदलाब का | जंग एक जरिया है बदलाव का बदलाव वह बदलाव जो आने वाली पीढ़ी को खुश बना सके या वह बदलाव जिसकी गूंज पीढ़ीयो तक सुनाई दे | जंग एक जरिया है बदलाव का जंग कभी अपनों से कभी अपनों के लिया | जंग कभी अपने लिया कभी अपनों के लिया जमाने से जंग एक जरिया ही तो है बदलाब का | सारांश ( Summary ) बह जंग ही थी जिस का आज नतीजा है की हम अपनी पूरी आजादी से रहते है बोल सकते है आज हम आजाद है सिर्फ जंग के जरिए ही तो मुमकिन हुआ या सब जंग जो आने बलि पीढ़ि को खुश कर दिया उस जंग न हमें आजादी दे कर यहाँ एक ऐसी जंग थी जिस की गूंज सदियों तक हर पीढ़ी को सुनिए जाएगी | ( जंग एक जरिया है बदलाव का बदलाव वह बदलाव जो आने वाली पीढ़ी को खुश बना सके या वह बदलाव जिसकी गूंज पीढ़ीयो तक सुनाई दे) जंग अगर स्वामी विवेकानंद जी न महिल...
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