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अ कलम क्या लिखु तेरे लिये तू लेखक का अहम् है | कलम पड़ने बाले का बहम है||
अ कलम क्या लिखु तेरे लिये तू लेखक का अहम् है | कलम पड़ने बाले का बहम है||
एक कलम ही तो है जो रिश्ते जोड़ देते है | कलम ही है जो रिश्ते तोड़ देती है ||
सोचता हु लिख दू तेरे दस्ता | या मिटा दू तेरे दास्ता ||
आंशिको के पने पे तू | लेखको के दिल मै तू ||
क्या लिखू ऐसा जिसे पढ़ कर मुझे मिले सुकु | फिर तेरे बारे में ऐसा क्या ही लिखु ||
अ कलम क्या लिखु ||
सारांश (Summary)
तू लेखक का अहम् है इस का मतलब यहाँ ह की कलम लेखक का अभिमान हैं |
कलम पड़ने बाले का बहम है इसे लिखा हुआ सब कुछ सच नहीं ह बहुत सी बातें झूट भी है इस लिया पड़ना बाले कहा बहम है ||
एक कलम रिश्ते तोड सकती है तलाक (divorce) के रूप में |
कलम रिश्ते जोड़ भी सकती है ||
लिख दू तेरी दस्ता क्या क्या किया ह आज तक एक कलम न |
या मिटा दू सा तत्प्रय यहाँ है की कलम क्या उपयोग न कर के फ़ोन या कम्प्यूटर क्या ही प्रयोग कर के जैसे आज कल की युबा पीढ़ी कर रही ह कलम के प्रयोग सा ज्यादा मोबाइल का प्रयोग किया जाता है लिखने का लिया ||
आंशिको के पने पे तू प्रेमपत्र (love letter)के रूप में |
लेखक की तो शान होती ह कलम इस लिया लेखको के दिल मै तू ||
जिसे पड़ने से मुझे अच्छा लगे |
फिर और क्या ही लिखू ऐसा तेरे बारे में ||
अ कलम क्या लिखू ||
मुझे आशा है की आप को यह (अ कलम क्या लिखु )पसंद आया हो तो शेयर जरूर करे |
धन्यवाद writer by SAHITYA GAUR
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