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Showing posts from November, 2019

hindi story नशा एक fashion या प्यारी लत

नशा एक fashion या प्यारी लत  आज कल के युवा बहुत से नशो के शिकार हैं हर 4  से  5 युवाओ को नशो की लत हैं या नशा करते हैं यह एक एक बहुत ही बुरा और सोचने  वाला विषय हैं  क्या दे रहे है आज के युवा पीढ़ी को या आने बाली पीढ़ी को कौन सीखा रहा है ये सब हमारी युवा पीढ़ी को यह एक गंभीरता से सोचने का विषय है | इस नशों की लत को लगाने वाला कौन है कौन जिम्मेदार है दोस्त मां बाप या कोई और मगर मेरे मानना तो यह है इसका जिम्मेदार ना दोस्त है ना मां बाप जिम्मेदार है तो आज का मॉडर्न जमाना और युवाओं के बीच चलने वाली नशे के फैशन को | नशो का फैशन हमारी युवा पीढ़ी में एक ट्रेंड( Trend ) चल पड़ा है| आज के इस जमाने में हर किसी को अपने फ्रेंड्स (friends) मै कूल (cool) देखना है जिससे कि वह इस उभरती पीढ़ी में अपने आप को सबसे कूल दिखा सकें| यह सच में एक फैशन की तरह है जिस तरह से हम अपने कपड़ों में फैशन को चुनते हैं उसी तरह आजकल के युवा नसों को फैशन के रूप में चुनते हैं नसों का फैशन (दारु,बिट्स, ड्रग्स) आजकल ये सभी युवा पीढ़ी के बीच काफी ट्रेंड (trend) में है जिस...

जंग एक जरिया है बदलाव का

जंग कैसे है बदलाब का जरिया आप यही सोच रहो होंगे की साहित्य क्या कहा रहा है जंग कैसे बदलाब हो सकता पर इस में मै यह बतऊँगा की कैसे जंग एक मात्र जरिया  है बदलाब का |  जंग एक जरिया है बदलाव का बदलाव वह बदलाव जो आने वाली पीढ़ी को खुश बना सके या वह  बदलाव जिसकी गूंज  पीढ़ीयो  तक सुनाई दे | जंग एक जरिया है बदलाव का जंग कभी अपनों से कभी अपनों के लिया | जंग कभी अपने लिया कभी अपनों के लिया जमाने से जंग एक जरिया ही तो है बदलाब का |  सारांश ( Summary ) बह जंग ही थी जिस का आज नतीजा है  की हम अपनी पूरी आजादी से रहते है बोल सकते है आज हम आजाद है सिर्फ जंग के जरिए ही तो मुमकिन हुआ या सब जंग जो आने बलि पीढ़ि को खुश कर दिया उस जंग न हमें आजादी दे कर  यहाँ एक ऐसी जंग थी जिस की गूंज सदियों तक हर पीढ़ी को सुनिए जाएगी  |  ( जंग एक जरिया है बदलाव का  बदलाव वह बदलाव जो आने वाली पीढ़ी को खुश बना सके या वह  बदलाव जिसकी गूंज  पीढ़ीयो  तक सुनाई दे) जंग अगर   स्वामी विवेकानंद  जी    न महिल...

अ कलम क्या लिखु

https://www.facebook.com/imsahityagaur/ अ कलम क्या लिखु  तेरे लिये तू लेखक का अहम् है | कलम पड़ने बाले का बहम है|| एक कलम ही तो है जो रिश्ते जोड़ देते है | कलम ही है जो रिश्ते तोड़ देती है || सोचता हु लिख दू तेरे दस्ता | या मिटा दू तेरे दास्ता || आंशिको  के पने पे तू | लेखको  के दिल मै तू || क्या लिखू ऐसा जिसे पढ़ कर मुझे मिले सुकु | फिर तेरे बारे में ऐसा क्या ही लिखु || अ कलम क्या लिखु || सारांश ( Summary ) तू लेखक का अहम् है इस का मतलब यहाँ ह की कलम लेखक का अभिमान हैं |  कलम पड़ने बाले का बहम है इसे लिखा हुआ सब कुछ सच नहीं ह बहुत सी बातें झूट भी है इस लिया पड़ना बाले कहा बहम है  || एक कलम रिश्ते तोड सकती है तलाक (divorce) के रूप में |  कलम रिश्ते जोड़ भी सकती है ||   लिख दू तेरी दस्ता क्या क्या किया ह आज तक एक कलम न |  या मिटा दू सा तत्प्रय यहाँ है की कलम क्या उपयोग न कर के फ़ोन या कम्प्यूटर क्या ही प्रयोग कर के जैसे आज कल की युबा पीढ़ी कर रही ह कलम के प्रयोग सा ज्यादा मोबाइल का प्रयोग किया जाता ह...

प्रेम एक परम्परा या आज का फैशन

https://www.facebook.com/imsahityagaur/ प्रेम एक परम्परा या आज का फैशन   नमस्ते दोस्तों  मेरा नाम है  साहित्य गौड़    प्रेम एक परम्परा  या आज का फैशन  शीर्षक आज कल के नौजबान यु वा के   प्रेम को बताता हैं की आज कल के युवाओ  का प्रेम  है या सिर्फ एक फैशन इसे आप एक दिखावा भी कहा सकते हो |   प्रेम  आज कल के  युवाओ को बहुत ही लुभाता  है फिर चाहें बो फिल्मो  में हो या असली जिंदगी में प्रेम सभी तरहा से लुभाता आ रहा हैं | प्रेम आज से ही नहीं बल्कि तब सा ह जब से जीव जन्तुओं की रचना हुई  हैं तब से ही प्रेम पनप रहा हैं |  फिर चाहे लैला मजनू की बात करे या आज का ज़माने की सब से सुन्दर जोड़े रणवीर दीपिका की |  मगर आज कल प्रेम  युवाओ में सिर्फ एक फैशन या दोस्तों के बीच  दिखने का जरिया बन गया हैं | जहाँ उस ज़माने मै प्रेम का जरिया पत्र  थे बही आज का ज़माने में प्रेम का जरिया   सोशल मीडिया (   social media) ने ले ली हैं जहाँ फेसबुक,व्हाट्सप्प और भी डेटिंग साइड...